रायपुर। छत्तीसगढ़ पहली बार "राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव" की मेजबानी करने जा रहा है। प्रदेश की राजधानी रायपुर में यह आयोजन होगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेगें। महोत्सव को लेकर राज्य स्तरीय समिति का भी गठन किया है।
समिति में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव सहित आयोजन से संबंधित अधिकारी सदस्य होगें। रायपुर में आयोजित होने जा रहे प्रदेश के पहले "राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव" में छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य राज्यों से 2500 कलाकार एक साथ अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 27, 28 तथा 29 दिसम्बर 2019 को सम्पन होगा।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रतियोगिताओं का दौर भी चलेगा। इन प्रतियोगिताओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। पहली श्रेणी में विवाह तथा मांगलिक कार्यों पर होने वाले नृत्यों को शामिल किया गया है। दूसरी श्रेणी में फसल काटते वक़्त जो नृत्य होते हैं उन्हें शामिल किया गया है। जबकि तीसरी श्रेणी में देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले पारंपरिक त्योहारों पर होने वाले नृत्य होगें वही चौथी श्रेणी में खुली प्रतियोगिता रखी गई है। इन प्रतियोगिताओं में प्रत्येक राज्य से 4 ग्रुप शामिल होंगे। जिसमें हर एक ग्रुप में सदस्यों की संख्या अधिक से अधिक 15 होगी।
साथ ही हस्तशिल्प, कुटीर उद्योग तथा आदिवासी प्रदर्शनीयां भी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी। इसी के साथ कृषि आधारित उत्पादों तथा हथकरघा वस्त्रों की भी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। महोत्सव में सरगुजा और बस्तर की विभिन्न प्रदर्शनीयां, हर्बल उत्पादों, धुरवा, गरवा, छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की प्रदर्शनी एवं विक्रय केंद्रों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।